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एक दिन गणेश बाबू ऑफिस से लौटकर उत्साहित होकर पत्नी से बोले –
गणेश: जानती हो, इस बार हमारे ऑफिस के एनुअल फंक्शन के नाटक में मुझे हीरो का रोल दिया गया है, हर शनिवार शाम को रिहर्सल होगी।
पत्नी: और तुम्हारे बगल में जो बैठती है वो नकचढ़ी लड़की? उसको रोल नहीं मिला?
गणेश: कौन? सुनीता? अरे वो तो माँ का रोल कर रही है।
पत्नी: अरे बाप रे! इतनी कम उम्र में माँ का रोल? तो फिर राज़ी हो गई महारानी माँ का रोल करने?
गणेश: राज़ी क्यों नहीं होगी? वो तो मेरे बच्चे की माँ का रोल करेगी।
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