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पंडीत जी हवन करते समय एक चम्मच घी आग में डालते और एक चम्मच घी अपने डिब्बे मे डालते जा रहे थे..
पास बैठे एक आदमी चिल्लाकर बोले : घृतम चोरम, घृतम चोरम...
पंडीत जी उस आदमी को चुप कराते हुए बोले : ना कर शोरम, ना कर शोरम... आधा तोरम, आधा मोरम..! ॐ स्वाह ॐ स्वाह ॐ स्वाह...
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