बिज़नेस की पहली सीख

पिता अपने बेटे को बिज़नेस की ज़िम्मेदारी देने वाले थे। उसे लेकर छत पर गए। फिर बोले -

पिता: छत के बिल्कुल किनारे जाकर खड़े हो जाओ, और जब मैं कहूँ "कूदो", तो कूद जाना।

बेटा: क्या कह रहे हैं पापा! तीन मंज़िल से कूद जाऊँ? मैं तो मर जाऊँगा!

पिता: सुनो, क्या तुम्हें मुझ पर भरोसा है?

बेटा: हाँ, है।

पिता: तो फिर कूद जाओ।

बेटा कूद गया... और ज़मीन पर गिरते ही दोनों पैर और एक हाथ टूट गया। वह दर्द से तड़प रहा था।

पिता तेज़ी से सीढ़ियाँ उतरकर उसके पास पहुँचे और बोले -

"बिज़नेस की ये है तुम्हारी पहली सीख - किसी पर भरोसा मत करना!"

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